World Economic Forum
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum)
- विश्व आर्थिक मंच सार्वजनिक-निजी सहयोग हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जिसका उद्देश्य विश्व के प्रमुख व्यावसायिक, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों तथा अन्य प्रमुख क्षेत्रों के अग्रणी लोगों के लिये एक मंच के रूप में कार्य करना है।
- यह एक गैर-लाभकारी संस्था है जिसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में है।
- इस संस्था की सदस्यता अनेक स्तरों पर प्रदान की जाती है और ये स्तर संस्था के काम में उनकी सहभागिता पर निर्भर करते हैं।
- इसके माध्यम से विश्व के समक्ष मौजूद महत्त्वपूर्ण आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।
- विश्व आर्थिक मंच द्वारा प्रकाशित की जाने वाली कुछ महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट-
- वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक (Global Competitiveness Index -GCR)
- यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्द्धात्मकता रिपोर्ट (Travel and Tourism Competitiveness Report)
- वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट (Global Information Technology Report)
Travel And Tourism Competitive Report
(INDIA)
India ने 6th रैंक की improvement
की - वर्तमान रैंक 32th हैं।
2017 में भारत की रैंकिंग 40वीं थी।
दक्षिण एशिया में भारत को इस सबसे प्रतिस्पर्द्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल है।
एक उप-क्षेत्रीय दृष्टिकोण से भारत का वायुमार्ग के बुनियादी ढाँचे में 33वाँ, बुनियादी एवं बंदरगाह ढाँचे में 28वाँ, अंतर्राष्ट्रीय स्वीकार्यता में 51वाँ, प्राकृतिक सौंदर्य में 14वाँ तथा सांस्कृतिक संसाधन के क्षेत्र में 8वाँ स्थान है।
(GLOBAL)
1 Spain
2 France
3 Germany
4 Japan
Global Competitiveness Report.2019- 68TH Rank
10 स्थान नीचे गया भारत , 2018 में 58th पर था
Singapore 1th अमेरिका को दूसरा, हाॅन्गकाॅन्ग को तीसरा, नीदरलैंड्स को चौथा और स्विट्ज़रलैंड को पाँचवाॅं स्थान मिला है।
BRICS देशो में BRAZIL की RANK 71TH हैं बाकि सब देश भारत से आगे हैं।।
28वें स्थान के साथ चीन को ब्रिक्स देशों के समूह में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ है
(India)
- बाज़ार के आकार और अक्षय ऊर्जा विनियमन के लिये भारत को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
- कॉरपोरेट गवर्नेंस के मामलों में भारत 15वें स्थान पर है जबकि शेयरहोल्डर गवर्नेंस के मामलों में इसका स्थान दूसरा है।
- नवाचार के मामले में भारत उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आगे है।
- योग्यता और प्रोत्साहन के मामले में भारत को 118वें स्थान तथा कौशल उपलब्धता के मामले में 107वें स्थान पर रखा गया है।
PARAMETER -
- enabling environment ,
- market ,
- human capital ,
- innovation ecosystem
Global Gender Gap Report 2019-2020
Iceland 1th rank and human last(153th).
India rank 112 out off 153
2018-19- 112th Rank
2017-18-108th Rank
2005-06 - 98th Rank
Parameters
- economic participation and opportunity ,
- education attainment,
- health and survival ,
- political improvement
भारत को 112 वे स्थान पर रखा गया है . देश के विकास में महिलाओ की भागीदारी की बढ़ती असमानता के बीच लैंगिक समानता के मामले में भारत 4 पायदान नीचे चला गया है.
अनुसार भारत में कंपनी बोर्डों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम ( 13.8%) है.
भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां आर्थिक अंतर राजनीतिक अंतर से बड़ा है
भारत में शैक्षिक प्राप्ति में 112वा और स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता में 150 स्थान प्राप्त किया है
Global risk report.
Top 5 risk
1 climate related risk
2 geopolitical turbulence
3 economic stagflation
4 unequal access of the technology
5 pressure on health system
Nature risk rising report .
Note- risk nature पर आता हैं तो प्रभाव business पर भी आता हैं
human action के कारण 25% प्लांट and animal species खतरे में है ।।
Construction , Agriculture and Food and beverages are 3 largest industries depend most on the nature .
विश्व की आधी GDP Nature पर टीकी हुई हैं
अगले दशक में पर्यावरण से संबंधित संभावित शीर्ष पाँच जोखिम हैं:
- बाढ़ और तूफान जैसे चरम मौसम की घटनाएँ।
- जलवायु परिवर्तन को रोकने और अनुकूलन में विफलता।
- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी विस्फोट और भू-चुंबकीय तूफान जैसी प्रमुख प्राकृतिक आपदाएँ।
- प्रमुख जैव विविधता के नुकसान और पारिस्थितिकी तंत्र का पतन।
- मानव निर्मित पर्यावरणीय क्षति और आपदाएँ।
स्टेट ऑफ इंडियाज़ एन्वायरमेंट रिपोर्ट
(State of India’s Environment Report)
- यह रिपोर्ट सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (Centre for Science and Environment - CSE) एवं डाउन टू अर्थ द्वारा जारी की जाती है।
- इस रिपोर्ट में वनों, वन्य जीवन, कृषि, ग्रामीण विकास, जल एवं स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन से संबंधित पहलू शामिल होते हैं।
- वर्ष 2019 में चरम मौसमी घटनाओं के कारण दुनिया भर में बहुत से लोगों की मृत्यु हो गई।
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